EWS Certificate क्या है- 2022 के लिए EWS Certificate Kaise Banaye?
ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र | ईडब्ल्यूएस फॉर्म | ईडब्ल्यूएस का फॉर्म कैसे भरें | ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट कैसे बनता है | EWS प्रमाणपत्र वैधता | e w s praman patra | ews आरक्षण प्रमाण पत्र form pdf download | EWS Certificate
EWS Certificate In Hindi :- दोस्तों अभी कुछ दिनों पहले हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने सामान्य वर्ग के लोगों के लिए एक बहुत ही हेल्पफुल डिसीजन लिया है दोस्तों इस के माध्यम से सामान्य वर्ग के नागरिकों को बहुत सहायता मिलेगी दोस्तों यह तो आप सभी जानते हैं सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से सरकार की ओर से कोई भी सहायता नहीं मिलती है इसीलिए सरकार ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है दोस्तों अब देश में एसटी, एससी और ओबीसी के नागरिकों के साथ सामान्य वर्ग के नागरिकों को भी आरक्षण का लाभ मिल सकेगा दोस्तों
अब सरकार ने इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट प्रदान करने का निर्णय लिया है जिसके आधार पर सामान्य वर्ग के नागरिक आरक्षण प्राप्त कर सकेंगे दोस्तों अक्सर ऐसा होता है कि सामान्य वर्ग के लिए कोई आरक्षण नहीं होता है तो सामान्य वर्ग के नागरिकों को कई क्षेत्रों में लाभ नहीं मिल पाता है सामान्य वर्ग के लोगों की मांग के आधार पर अब हमारे देश की सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है
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EWS Certificate 2022 का उद्देश्य क्या है?
दोस्तों कई बार देखा जाता है कि बहुत से नागरिक जो सामान्य वर्ग से हैं परंतु उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है ऐसे नागरिकों को आरक्षण की अधिक आवश्यकता होती है इसीलिए हमारे देश की सरकार ने ऐसे नागरिकों की जानकारी प्राप्त करने के लिए और ऐसे नागरिकों की पात्रता जानने के लिए जिन की आर्थिक स्थिति कमजोर है उन्हें लाभ प्रदान करने के लिए इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट जारी करने की व्यवस्था की है जिसके माध्यम से सामान्य वर्ग के नागरिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का लाभ ले सकेंगे दोस्तों अब बात आती है कि ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को कहां बनवाएं कैसे बनवाएं दोस्तों इसके लिए आपको मुख्य दस्तावेजों की आवश्यकता होगी दोस्तों यदि आप इनकी जानकारी जानना चाहते हैं तो हमारे आर्टिकल को अंत तक पड़े जिससे आप EWS Certificate से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर पाएंगे |
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10 Percent Reservation Certificate 2022
दोस्तों ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवार जो कि सामान्य वर्ग से आते हैं ऐसे व्यक्तियों को 10% आरक्षण देने के लिए जारी किया जाएगा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोग शिक्षा में 10% आरक्षण पाने के लिए (ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए बनाई गई सुपरन्यूमेरी सीटें) और भारत के सरकारी नौकरी (विधिपूर्वक आरक्षण) जैसे ओबीसी, एससी, एसटी तब वह व्यक्ति ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं|
दोस्तों हम बता दें कि ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए ना केवल आपके परिवार की वार्षिक पारिवारिक आय आधार मानी जाएगी बल्कि आपकी जो भी संपत्ति है उसके आधार पर आप क्या ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाया जाएगा दोस्तों EWS Certificate एक आरक्षण प्रदान करने वाली योजना है और EWS Certificate का लाभ प्रदान करने वाला गुजरात देश का सबसे पहला राज्य बन गया है क्योंकि गुजरात राज्य में इस कानून को 14 जनवरी 2019 से लागू कर दिया गया है। और ईडब्ल्यूएस बिल को हमारे देश के राष्ट्रपति जी ने 12 जनवरी 2019 को मंजूरी प्रदान कर दी है ।
ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र क्या है 2022 – What is an EWS Certificate
दोस्तों आइए जान लेते हैं ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र आखिर क्या है दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया सभी सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए EWS Certificate की व्यवस्था शुरू की गई है ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के व्यक्ति को यह पता होना आवश्यक है कि ई डब्ल्यू सर्टिफिकेट आखिर होता क्या है दोस्तों हम बता दें कि EWS Certificate का मतलब Economically Weaker Section Certificate होता है आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और यह जरूरी नहीं है कि कमजोर वर्ग जाति आधार पर होता है ऐसा बिल्कुल भी नहीं है दोस्तों कमजोर वर्ग किसी भी जाति में हो सकता है और किसी भी वर्ग में कमजोर वर्ग का होना सामान्य है ऐसे व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार आरक्षण की व्यवस्था करती है|
दोस्तों अब सामान्य वर्ग के नागरिक भी जो कमजोर वर्ग से हैं वह भी सरकारी क्षेत्रों में आरक्षण प्राप्त कर पाएंगे दोस्तों ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट कमजोर वर्ग के व्यक्ति के इनकम सर्टिफिकेट के तरह ही होता है इस सर्टिफिकेट में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति साफ नजर आती है और यह भी पता चलता है कि कि व्यक्ति आर्थिक रूप से कितना कमजोर है दोस्तों सामान्य वर्ग के नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए और आरक्षण प्रदान करने के लिए हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने EWS Certificate अर्थात इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट की व्यवस्था शुरू की है दोस्तों हम बता दें कि हमारे देश के प्रधानमंत्री जी अर्थात नरेंद्र मोदी जी का यह उद्देश्य है कि प्रत्येक कमजोर वर्ग के व्यक्ति को जो सामान्य वर्ग से हैं उसे आरक्षण मिल सके और उन तमाम योजनाओं का लाभ मिल सके जिन की पात्रता सूची में वह व्यक्ति आता है |
दोस्तों यह तो आप पहले से ही जानते हैं कि हमारे देश की केंद्र सरकार और जिस राज्य से हम संबंधित हैं उस राज्य की राज्य सरकार समय-समय पर प्रत्येक क्षेत्र में नौकरियां निकालती रहती है और इन नौकरियों पर SC, ST और OBC जाति के व्यक्ति के लिए आरक्षण निर्धारित रहता है परंतु सामान्य वर्ग के नागरिकों के लिए आरक्षण नहीं होता था अब सरकार के नए नियम के अनुसार सामान्य वर्ग के नागरिकों के लिए भी 10% कोटा निर्धारित किया गया है अब सामान्य वर्ग के नागरिक भी आरक्षण की सुविधा प्राप्त कर पाएंगे दोस्तों ऐसे बहुत से कमजोर वर्ग के नागरिक हैं जिन्हें आरक्षण की जरूरत है इसीलिए हमारे देश की सरकार ऐसे नागरिकों का सपना पूरा करने जा रही है दोस्तों यदि आप भी सामान्य वर्ग से हैं और कमजोर वर्ग की श्रेणी में आते हैं तो आप EWS Certificate बनवा सकते हैं |
NOTE –
Key Highlights Of EWS Certificate
योजना का नाम | ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र | EWS Certificate |
किसके द्वारा लॉन्च किया गया | राजस्व विभाग द्वारा |
लाभार्थी | आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफ़लाइन |
उद्देश्य | नौकरियों, संस्थानों में 10% आरक्षण |
लाभ | विभिन्न सेवाओं का लाभ |
वर्ग | केंद्र सरकार की योजना |
प्रमाण पत्र की वैधता | 1 साल |
Important Links
Event | Links |
Apply Online | Click Here |
Notification | Click Here |
EWS Certificate Application Form 2022 | Click Here |
Economic Weaker Section Bill
EWS बिल केंद्र सरकार ने संविधान (एक सौ और चौबीसवाँ संशोधन) विधेयक, 2019 को लागू किया, जो पूर्ववर्ती अनारक्षित वर्ग या जर्नल श्रेणी के छात्रों के बीच ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए 10% अतिरिक्त कोटा प्रदान करता था। ईडब्ल्यूएस बनाम ईबीसी बनाम MEBCThe शर्तें आर्थिक रूप से कमजोर अनुभाग (ईडब्ल्यूएस) और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) भारत में एक दूसरे के साथ भ्रमित होने के लिए नहीं हैं। EWS की परिभाषा को भारत सरकार द्वारा परिभाषित किया गया है और साथ ही यह भी क्लियर कर दिया है कि जनरल कैटेगरी के नागरिक को के लिए ईवीएस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जो नागरिक जनरल कैटेगरी में आते हैं और आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं वह ईवीएस सर्टिफिकेट के माध्यम से आरक्षण प्राप्त कर पाएंगे जबकि EBC और मोस्ट इकोनॉमिकली बैकवर्ड क्लास (MEBC) के बारे में जानकारी अलग-अलग राज्यों के साथ अलग-अलग संस्थानों की भी अलग है।
EWS Certificate के प्रमुख लाभ
- दोस्तों EWS Certificate का प्रयोग सर्टिफिकेट धारक पूरे भारत में कर सकता है
- यदि उम्मीदवार केंद्र सरकार द्वारा और राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करना चाहता है
- तो इस सर्टिफिकेट के माध्यम से 10% का आरक्षण प्राप्त कर सकता है
- क्योंकि भारत सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए जो आर्थिक रूप से कमजोर है
- उन वर्गों के लिए 10% का आरक्षण प्रदान करने की घोषणा की है
- सरकारी नौकरियों के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने में भी इस सर्टिफिकेट का प्रयोग किया जा सकता है।
EWS Certificate / 10 Percent Reservation Certificate को बनवाने के लिए आय कितनी होनी चाहिए
दोस्तों आइए जान लेते हैं कि EWS Certificate बनवाने के लिए उम्मीदवार के परिवार की कुल वार्षिक आय ₹800000 से कम ही होनी चाहिए यदि इनकम इससे अधिक है तब परिवार को इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन में सम्मिलित नहीं किया जाएगा इसके साथ ही परिवार के सभी सदस्यों की वार्षिक आय भी इसी में सम्मिलित की जाएगी और परिवार को जहां जहां से इनकम होती है जैसे – खेती, व्यापार, नौकरी, मकान का किराया आदि को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
सर्टिफिकेट के लिए परिवार के किस किस सदस्य की आय को जोड़ा जाएगा – Which family member’s income will count for the EWS certificate
दोस्तों यह तो हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए परिवार की आय 800000 से कम होनी चाहिए यदि आय ₹800000 से अधिक है तब ऐसे में परिवार के सदस्यों में किसी को भी आरक्षण की व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराई जाएगी यदि परिवार की वार्षिक इनकम 800000 से कम है तो परिवार के सभी सदस्यों को Economically Weaker Sections Certificate का लाभ प्राप्त हो सकता है दोस्तों अब आप यह सोच रहे होंगे कि इस सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए परिवार के किन-किन सदस्यों की इनकम को इसमें सम्मिलित किया जाएगा आइए जानते हैं –
- आपकी खुद की आय
- आपके माता-पिता की आय
- आपके भाई बहन की आय जो अविवाहित हो
- पति-पत्नी की आय
- और आपके बच्चों की आय (अविवाहित)
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कौन व्यक्ति ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं बनवा सकते हैं – Who can not apply for EWS certificate?
दोस्तों आप प्रश्न यह उठता है कि सामान्य वर्ग के ऐसे कौन से नागरिक हैं जो EWS Certificate का लाभ नहीं ले सकते हैं और ना ही इसके तहत आवेदन कर सकते हैं आइए जानते हैं –
- जिन नागरिकों के पास 5 एकड़ से अधिक जमीन है उनको इस सर्टिफिकेट का लाभार्थी नहीं बनाया जाएगा
- जिन व्यक्तियों का मकान 1000 स्क्वायर फुट से अधिक स्क्वायर फुट में बना हुआ है
- तो उस व्यक्ति को सर्टिफिकेट का लाभ नहीं दिया जाएगा
- जिन नागरिकों का घर अधिसूचित नगर पालिका क्षेत्र में है और
- आवासीय भूखंड का क्षेत्र 100 वर्ग गज से कम है
- वह ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं
- जिन नागरिकों का घर के अधिकृत नगर पालिका क्षेत्र में है उन व्यक्तियों का आवासीय प्लॉट या घर 200 वर्ग गज से कम होना चाहिए ।
ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज – Documents required to get an EWS certificate 2022
दोस्तों यदि आप इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन में आते हैं तो आप EWS Certificate बनवा सकते हैं इसके लिए आपको कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी दोस्तों इनकी जानकारी कुछ इस प्रकार है –
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- पैन कार्ड
- बीपीएल राशन कार्ड
- बैंक स्टेटमेंट
- स्व-घोषणा पत्र
EWS Certificate Kaise Banaye – How to create EWS certificate?
दोस्तों अभी केंद्र सरकार ने इकोनॉमिकली वीकर सर्टिफिकेट को बनवाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू नहीं की है अभी आप इसके लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आपको अपने जिले की तहसील में – जिला मजिस्ट्रेट / अपर जिला मजिस्ट्रेट / कलेक्टर / अतिरिक्त ‘डिप्टी कमिश्नर से / तहसीलदार से / उप-विभागीय अधिकारी से/ के यहां जाना होगा आपको या फिर उम्मीदवार को उस क्षेत्र के तहसील या संबंधित विभाग जाना है जहां का वह स्थाई निवासी है फिर संबंधित विभाग या फिर वहां के उप विभाग के अधिकारी के माध्यम से आपका EWS Certificate बनवाया जाएगा |
दोस्तों इकोनॉमिकली वीकर सर्टिफिकेट के लिए आप ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं जो भी योग्य उम्मीदवार हैं और ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाना चाहते हैं वह दोनों ही तरीके से आवेदन कर सकते हैं दोस्तों कई राज्यों में तो ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाने के लिए वेब पोर्टल की सुविधा उपलब्ध हो गई है यदि व्यक्ति अपना ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाना चाहता है तो वह ऑनलाइन आवेदन कर सकता है इसके लिए उसे जरूरी दस्तावेजों और अपनी व्यक्तिगत जानकारी को बताना होगा इसके आधार पर ही EWS Certificate बनेगा| ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाने के लिए वेब पोर्टल ऑटोमेटेकली एप्लीकेशन फॉर्म जनरेट करता है ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को कानूनी प्राधिकारी के माध्यम से सत्यापित किया जाता है |
जाति प्रमाण पत्र आवेदन
दोस्तों यदि आप ऑफलाइन आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास निम्नलिखित जानकारी होना आवश्यक है जो आपको आवेदन फॉर्म में भरनी होगी दोस्तों वैसे तो हमारे देश की सरकार ने EWS Certificate बनवाने के लिए पूरे भारत में एक समान फॉर्म जारी किया है हर क्षेत्र के लिए एक ही फॉर्म उपलब्ध है इस फॉर्म में जो जानकारी दर्ज की जानी है उसमें कुछ मुख्य जानकारी इस प्रकार है जो आपको पता होना चाहिए और आप इसे पहले से ही पता लगाकर एकत्रित कर सकते हैं आइए जानते हैं आपको आपकी राज्य सरकार का नाम पता होना चाहिए जो उम्मीदवार ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बन आना चाहता है उसे उम्मीदवार का नाम उम्मीदवार के पिता या फिर पति का नाम उम्मीदवार का पता, वित्तीय वर्ष, उम्मीदवार की जाति और अनुप्रमाणित पासपोर्ट आकार का फोटो आदि|
EWS Certificate Form Download kare – Download EWS Certificate Form
दोस्तों यदि आप सामान्य वर्ग से हैं और आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो ऐसे में आप जरूर चाहेंगे कि आरक्षण प्राप्त करने के लिए आपका ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बन जाए दोस्तों आप EWS Certificate बनवाने के लिए किसी शॉप से ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का आवेदन फॉर्म खरीद सकते हैं या फिर संबंधित विभाग से आप इसे निशुल्क भी प्राप्त कर सकते हैं या फिर आप इसकी ऑफिशियल लिंक के माध्यम से इसे डाउनलोड भी कर सकते हैं और डाउनलोड करने के बाद इसका प्रिंट आउट निकाल कर आप इसे भरकर संबंधित विभाग में जमा कर सकतें हैं।
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PDF EWS Certificate form download / 10 Percent Reservation Certificate form download करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
ईडब्ल्यूएस आवेदन पत्र की स्थिति – Application Status 2022
- दोस्तों विभिन्न राज्यों में ईडब्ल्यूएस का एप्लीकेशन फॉर्म ऑनलाइन जमा किया जा रहा है
- ऑटोमेटेकली एप्लीकेशन आईडी जनरेट की जा रही है
- यदि आपके पास ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की आवेदन संख्या उपलब्ध है
- तो आप इस संख्या के माध्यम से अपने आवेदन की स्थिति जांच सकते हैं।
इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने पर फीस का भुगतान
- दोस्तों यदि आप ईडब्ल्यूएस का आवेदन फॉर्म भर रहे हैं तो इसके लिए नाम मात्र शुल्क भी अदा करना होगा
- प्रत्येक राज्य सरकार ने अलग-अलग शुल्क जमा करने के निर्देश दिए हैं
- इसीलिए हर राज्य सरकार के अधिकार पर निर्भर करता है कि किस राज्य में EWS Certificate के लिए कितने रुपए लिए जाने हैं |
ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारी
दोस्तों आइए जान लेते हैं कि ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट कौन जारी करता है |
- जिला मजिस्ट्रेट (DM) / अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) / कलेक्टर / डिप्टी कमिश्नर / अतिरिक्त उपायुक्त / प्रथम श्रेणी वजीफा / मजिस्ट्रेट / उप-विभागीय मजिस्ट्रेट / कार्यकारी मजिस्ट्रेट / तालुका मजिस्ट्रेट / अतिरिक्त सहायक आयुक्त
- मुख्य प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट / अतिरिक्त मुख्य प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट / प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट
- राजस्व अधिकारी तहसीलदार के पद से नीचे नहीं
- उप-विभागीय अधिकारी या वह क्षेत्र जहाँ आवेदक या उसका परिवार सामान्य रूप से रहता है।
परिवार के किस किस सदस्य की आय को जोड़ा जाएगा?
दोस्तों आइए जान लेते हैं EWS Certificate बनवाने के लिए परिवार के तीन सदस्यों की वार्षिक आय को एक परिवार की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाएगा दोस्तों आपकी, आपके माता-पिता, आपके अविवाहित भाई-बहन, आपकी पत्नी की आय और आपके अविवाहित बच्चों की इनकम को परिवार की वार्षिक आय में सम्मिलित किया जाएगा कुल मिलाकर परिवार की वार्षिक आय आठ लाख से कम होनी चाहिए यदि इससे अधिक है तब इस स्थिति में व्यक्ति आरक्षण का लाभ नहीं ले सकता है और ना ही उसका ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनाया जायेगा।
EWS Income Limit : अगड़ों और पिछड़ों दोनों के लिए 8 लाख की लिमिट लेकिन कैलकुलेशन का तरीका अलग, जानिए डीटेल
हाइलाइट्स
- सरकार ने 2019 में सवर्ण गरीबों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था की|
- 8 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वाले सवर्ण परिवार को आरक्षण योग्य माना गया|
- ओबीसी में भी क्रीमी लेयर तय करने के लिए 8 लाख रुपये तक की आमदनी का दायरा है|
- अब एक समिति ने बताया है कि दोनों के लिए 8 लाख रुपये की गणना में कितना अंतर है|
केंद्र सरकार ने 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को भी आरक्षण देने का फैसला किया तो पिछड़ेपन का आधार 8 लाख रुपये की सालाना आय को तय किया गया। इस नियम के तहत जिस सवर्ण परिवार की सालाना आमदनी 8 लाख रुपये तक है, उसके उम्मीदवारों को ही शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में आरक्षण की सुविधा मिलती है। उधर, अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में क्रीमी लेयर का निर्धारण भी 8 लाख रुपये की सालाना आय के आधार पर ही होता है। यानी, अगर ओबीसी कैंडिडेट के माता-पिता का एनुअल इनकम 8 लाख रुपये से अधिक है तो उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
बाहर से समान, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग
इस तरह, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी, दोनों में क्रीमी लेयर तय करने का ‘समान मापदंड’ रखे जाने पर आपत्तियां जताई जाने लगीं। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार से पूछ दिया कि इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है? ऐसे में सरकार ने एक समिति का गठन किया जिसने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कर दिया कि 8 लाख रुपये का मानदंड बाहर से तो दोनों वर्गों, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए बराबर दिखता है, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है। उसने बताया कि दोनों के लिए भले ही मानदंड 8 लाख रुपये हो, लेकिन इसकी गणना में जमीन-आसमान का अंतर है। आइए पहले जानते हैं कि वो अंतर क्या-क्या हैं…
1. ईडब्ल्यूएस के लिए 8 लाख रुपये के कट ऑफ का मानदंड ओबीसी क्रीमी लेयर की तुलना में बहुत अधिक कठोर हैं।
2. ईडब्ल्यूएस की आय का पैमाना तय करते वक्त परिवार के दायरे में तीन पुश्तें आती हैं जबकि ओबीसी के मामले में सिर्फ माता-पिता का इनकम ही देखा जाता है।
3. ओबीसी की आमदनी का आकलन करते वक्त वेतन, खेती और पारंपरिक कारीगरी के व्यवसायों से होने वाली आय नहीं जोड़ा जाता है जबकि ईडब्ल्यूएस के लिए खेती सहित सभी स्रोतों से आय शामिल की जाती है।
4. ओबीसी कैंडिडेट के सिर्फ माता-पिता की लगातार तीन वर्षों से 8 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय हो रही हो तब वह क्रीमी लेयर कहलाता है जबकि ईडब्ल्यूएस के तीन पुश्तों की कुल आय मिलाकर सिर्फ पिछला साल ही 8 लाख रुपये से ज्यादा हो जाए तो उसे आरक्षण नहीं मिलेगा।
NOTE – सम्पूर्ण भारत सहित समस्त राज्यों की रोजगार की पल पल खबरों को सीधे फोन मे पाने के लिए यहा टच करे और गूगल न्यूज पर जा कर STAR ∗ के निशान से हमे फॉलो करे – धन्यवाद
आइए, अब इन सभी बिंदुओं को विस्तार से समझते हैं…
पहला बिंदु- केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के निर्धारण के लिए 8 लाख रुपये आय का मापदंड ओबीसी क्रीमी लेयर की तुलना में कहीं अधिक सख्त है।
दूसरा बिंदु- गरीब सवर्णों के लिए पारिवारिक आय के तहत खुद उम्मीदवार, उसके माता-पिता, 18 वर्ष से कम उम्र के उसके भाई-बहन, उसके जीवनसाथी और 18 वर्ष से कम उम्र के उसके बच्चों की आय, सभी शामिल हैं। मतलब, आर्थिक पिछड़ों की पारिवारिक आय में तीन पुश्तों की मिलीजुली आमदनी शामिल है। इसमें खेती-किसानी से होने वाली आयकर मुक्त आमदनी भी जोड़ी जाती है। इनकम टैक्स स्लैब्स के नजरिए से आर्थिक पिछड़े वर्ग की आय की गणना करते वक्त इनका ध्यान रखना ही होगा। वहीं, ओबीसी के पारिवारिक आय की गणना में सिर्फ कैंडिडेट के माता-पिता की आमदनी शामिल होती है। उसमें भी माता-पिता की सैलरी, खेती और परंपरागत व्यवसाय से हुई आमदनी को नहीं जोड़ा जाता है। खुद कैंडिडेट, उसके भाई-बहन, जीवनसाथी और बच्चों की आमदनी को तो जोड़ने की चर्चा तक नहीं है।
तीसरा बिंदु- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सबसे पहले ईडब्ल्यूएस की शर्त आवेदन के वर्ष से पहले के वित्तीय वर्ष से संबंधित है जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में क्रीमी लेयर के लिए आय मानकों की शर्तें लगातार तीन वर्षों के लिए सकल वार्षिक आय (Gross Annual Income) पर लागू होती है।
सुप्रीम कोर्ट का सवाल
दरअसल, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 7 अक्टूबर, 2021 को कहा था, ‘आर्थिक पिछड़ापन एक सच्चाई है। इसमें कोई संदेह नहीं कि लोगों के पास किताबें खरीदने और यहां तक कि खाने के पैसे भी नहीं हैं। लेकिन, जहां तक बात आर्थिक पिछड़ों का है तो वो अगड़ा वर्ग हैं और उनमें सामाजिक या शैक्षणिक पिछड़ापन नहीं है। तो क्या आप क्रीमी लेयर तय करने के लिए 8 लाख रुपये की सालाना आय का पैमाना आर्थिक पिछड़ों के लिए भी रख सकते हैं? याद रखिए कि जहां तक बात आर्थिक पिछड़ों की है तो हम सामाजिक या शैक्षणिक पिछड़ों की बात नहीं कर रहे हैं। सीमा तय करने का आधार क्या है या आपने आर्थिक पिछड़ों के लिए भी बस क्रीमी लेयर का पैमाना उठाकर रख दिया।’
सरकार ने मानी समिती की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर सरकार ने 30 नवंबर, 2021 को पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पाण्डेय, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के प्रफेसर वीके मल्होत्रा और केंद्र सरकार के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की एक कमिटी बना दी। कमिटी को गरीब सवर्णों की आय सीमा निर्धारित करने के लिए 2019 में बनाए गए नियमों की समीक्षा करने का दायित्व सौंपा गया। कमिटी ने 31 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार भी कर ली है।
समिति ने समझाया- आमदनी की गणना में कितना अंतर
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सुनने में भले ही ओबीसी और आर्थिक पिछड़े, दोनों के लिए 8 लाख रुपये की सीमा में समानता जान पड़ती हो, लेकिन सच्चाई बिल्कुल अलग है। ओबीसी का क्रीमी लेयर सिर्फ उम्मीदवार की आय के आधार पर तय होता है जबकि आर्थिक पिछड़ों की आय सीमा में उम्मीदवार के साथ-साथ उसकी पारिवारिक और कृषि आय भी भी शामिल हैं। समिति ने कहा कि सिर्फ उन्हीं परिवारों के उम्मीदवारों को आर्थिक पिछड़ा श्रेणी के आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है जिनकी सालाना आमदनी 8 लाख रुपये तक है। उसने कहा कि 17 जनवरी, 2019 को जारी ऑफिस मेमोरेंडम में दर्ज आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण परिवार की परिभाषा को ही आगे भी लागू रखा जाए।
कमिटी ने इसे और भी स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मौजूदा आयकर नियमों के तहत पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है। फिर कटौतियों (Deductions), बचत (Savings), बीमा (Insurances) आदि सभी प्रावधानों का उपयोग कर लिया जाए तो 7-8 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स फ्री हो जाती है। इस तरह, गरीब सवर्णों के लिए 8 लाख की व्यक्तिगत सालाना आय का निर्धारण टैक्स फ्री इनकम की सीमा के अनुकूल किया गया है। हालांकि, इसमें पारिवारिक और कृषि आय को जोड़ते ही सारा माजरा बदल जाता है।’
मकान की शर्त खत्म, 5 एकड़ जमीन की शर्त बरकरार
वर्ष 2019 में बने नियमों के तहत मकान को आय सीमा से बाहर रखने की ही सिफारिश की गई है। कमिटी ने कहा कि आय सीमा की गणना को सरल बनाए रखने के लिए आवासीय संपत्ति क्षेत्र (Residential Asset Area) यानी मकान के पैमाने को बाहर ही रखा जाए क्योंकि इससे किसी की असल आर्थिक स्थिति का जायजा नहीं मिलता है। ऊपर से गरीब सवर्ण परिवारों पर इसका गंभीर दुष्परिणाम और बेवजह बोझ देखने को मिलेगा। हालांकि, परिवार के पास 5 एकड़ कृषि योग्य भूमि होने पर आर्थिक पिछड़ा नहीं माने जाने का पैमाना बरकरार रखे जाने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों- ग्रामीण, शहरी, मेट्रो या राज्यों के लिए अलग-अलग आय सीमाएं होने से जटिलताएं पैदा होंगी, विशेष रूप से यह देखते हुए कि लोग नौकरियों, पढ़ाई, बिजनस आदि के लिए देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में तेजी से बढ़ रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के लिए आय की भिन्न-भिन्न सीमाएं सरकारी अधिकारियों और आवेदकों दोनों के लिए एक दु:स्वप्न के समान होगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने भी आर्थिक पिछड़े उम्मीदवारों की आय सीमा में आवासीय संपत्तियों को जोड़ने पर घोर आपत्ति जाहिर की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाकों के आधार पर आवासीय संपत्ति की कीमत में भारी अंतर हो जाता है। ऐसे में इस संपत्ति को भी आय के दायरे में ला दिया गया तो गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ उठाने के लिए नाकों चने चबाना पड़ेगा।
Conclusion
दोस्तों आज हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको EWS Certificate 2022 से संबंधित जानकारी प्रदान की| हम आशा करते हैं आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी| ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर निरंतर विजिट करते रहिए |जिससे हम आपको ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते रहे| हमारा आर्टिकल पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद|
Frequently Asked Questions
Que- ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र क्या है? What is an EWS Certificate?
Ans- यह सुविधा केवल सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए हैं दोस्तों इस के माध्यम से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को राज्य में या फिर केंद्र सरकार के द्वारा निकाली जा रही नौकरियों की वैकेंसी में 10% का आरक्षण मिलेगा इसके लिए ऐसे नागरिकों को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा यह सर्टिफिकेट बिल्कुल इनकम सर्टिफिकेट के जैसा होगा इसमें व्यक्ति की आर्थिक स्थिति दर्शाई जाएगी |
Que- ईडब्ल्यूएस का फुल फॉर्म क्या है? What is the full form of EWS?
Ans- आइए जानते हैं ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट का पूरा नाम क्या है दोस्तों ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन सर्टिफिकेट कहते हैं EWS Certificate Full form – Economically Weaker Sections
Que- ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र कौन बनवा सकता है?
Ans- दोस्तों ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट केवल सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के व्यक्तियों के लिए जारी किया जाएगा जिससे वह आरक्षण के माध्यम से राज्य या फिर केंद्र सरकार द्वारा निकाली जा रही नौकरियों मैं अपना आवेदन कर आरक्षण के माध्यम से नौकरी प्राप्त कर सकेंगे |
Que- ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र की वैधता
Ans- दोस्तों ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट की वैलिडिटी हर राज्य की अलग अलग है अधिकतर इस सर्टिफिकेट की वैलिडिटी जिस तारीख में सर्टिफिकेट बना है उस से 1 वर्ष के भीतर की है और इस समय में उम्मीदवार इस सर्टिफिकेट का प्रयोग कर संस्थानों या फिर सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकता है और उन में प्रवेश ले सकता है।
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