राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना को मिली मंजूरी लाभ व पात्रता जाने
Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana 2022
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना 2022 के तहत वंचित वर्गों के युवाओं को अपना खुद का उद्यम स्थापित करने के लिए सक्षम बनाने में इनक्यूबेशन कम ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिनमें 100 करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जाएगी। इन ट्रेनिंग सेंटर का संचालन दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DICCI) और भारतीय परिसंघ के सहयोग में किया जाएगा। इस योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10% (अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति यूनिट) की भागीदारी होगी। साथ ही रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होने वाली जमीन की निर्धारित सीमा इस योजना के माध्यम से 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर की जाएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 1% अतिरिक्त ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा। स्थापित इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (SGST) का 7 सालों के लिए 100% पुनर्भरण किया जाएगा। इस तरह से सरकार द्वारा Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana के तहत 5 वित्तीय वर्षों में मार्जिन मनी, सीजीएसटी एवं ब्याज अनुदान पर 525 करोड रुपए का बोझ आएगा।
Key features Of Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana 2022
योजना का नाम | राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना |
आरंभ की जा रही है | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा |
घोषित दिनांक | 23 फरवरी 2022 |
लाभार्थी | दलित और आदिवासी वर्ग के लोग |
उद्देश्य | वंचित वर्गों को स्वरोजगार से जोड़ना |
योजना का प्रकार | राज्य स्तरीय योजना |
अधिकारिक वेबसाइट | अभी ज्ञात नहीं है |
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना राजस्थान 2022 का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान के दलित और आदिवासी वर्ग से संबंध रखने वाले युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। ताकि राज्य के सर्वांगीण औद्योगिक विकास में वंचित वर्ग के युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सके। राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के द्वारा पात्र युवाओं को रोजगार स्थापित करने में कई प्रकार के लाभ दिए जाएंगे। ताकि उन्हें खुद का उद्यम स्थापित करने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना आए। Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana Rajasthan के द्वारा दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवाओं का विकास होने के साथ-साथ राज्य के औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा और राज्य में नए-नए उद्योग स्थापित होंगे जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बेरोजगारी दर में गिरावट आएगी।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की विशेषताएं
- वंचित वर्गों के युवाओं को स्वयं का उद्यम स्थापित में सक्षम बनाने के लिए इनक्यूबेशन कम ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिनमें सरकार का 100 करोड़ों रुपए का खर्च आएगा।
- राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना 2022 के तहत स्थापित किए गए चयनित उद्योगों में रीको/राजस्थान वेंचर कैपिटल फंड की 10% (अधिकतम 25 लाख रुपए प्रति यूनिट) की भागीदारी होगी। इस भागीदारी से युवा उद्यमियों को तकनीकी एवं विभिन्न स्वीकृतियां प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
- रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित और आदिवासी वर्ग के उद्यमियों को आवंटित होने वाली जमीन की निर्धारित सीमा इस योजना के माध्यम से 2000 वर्गमीटर से बढ़ाकर 4000 वर्गमीटर की जाएगी।
- स्थापित इकाइयों के राज्य वस्तु और सेवा कर (SGST) का 7 वर्षों तक के लिए 100% पुनर्भरण किया जाएगा।
- मार्जिन मनी 25% और अधिकतम 25 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाएगा।
- इसके अलावा रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों को जमीन आवंटन की देय राशि की किस्तों पर ब्याज में पूरी तरह से छूट दी जाएगी।
- भूमि परिवर्तन शुल्क में 75% रियायत दी जाएगी।
- जमीन खरीद, लीज एवं ऋण दस्तावेजों पर स्टांप ड्यूटी में भी 100% छूट मिलेगी। जिसमें प्रारंभ में 75% स्टांप ड्यूटी की छूट एवं उद्यम शुरू होने के बाद पात्र औद्योगिक इकाई द्वारा जमा की गई 25% स्टांप ड्यूटी का पुनर्भरण किया जाएगा।
- Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana के माध्यम से उद्यम स्थापित करने वाले पात्र उद्यमियों को मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना के तहत 1% अतिरिक्त ब्याज अनुदान देने का भी प्रावधान है।
Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana के लाभ
- इस योजना का लाभ राजस्थान के दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवाओं को मिलेगा।
- राजस्थान में इस योजना का लाभ वंचित वर्गों के युवाओं के साथ साथ औद्योगिक क्षेत्र को भी मिलेगा। क्योंकि इस योजना के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्र में नए- नए उद्यम स्थापित होंगे।
- अब दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना राजस्थान 2022 के माध्यम से राज्य के वंचित वर्ग के युवा भी स्वरोजगार स्थापित करने का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
- इसके अलावा इस योजना का मुख्य लाभ सरकार को रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और बेरोजगारी दर में गिरावट लाने में मिलेगा।
- प्रदेश के आदिवासी और दलित परिवार के युवा इस योजना का लाभ उठाकर भविष्य के लिए आत्मनिर्भर एवं सशक्त बन सकेंगे।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत पात्रता
- राजस्थान के सभी दलित एवं आदिवासी वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोर, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्याधिक अनुसूचित जनजाति और आर्थिक वर्ग से कमजोर परिवार आवेदन करने के पात्र हैं।
- आवेदक दलित/आदिवासी मूल रूप से राजस्थान का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- बीपीएल श्रेणी के तहत आने वाले दलित एवं आदिवासी उद्योग कर्मियों को इस योजना के तहत प्राथमिकता दी जाएगी।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदन कैसे करें?
राजस्थान के जो इच्छुक आदिवासी एवं दलित परिवारों से संबंध रखने वाले युवा इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं उन्हें अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। क्योंकि अभी केवल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने 23 मार्च 2022 को बजट घोषणा करते समय दलित एवं आदिवासी वर्ग के लोगों के लिए राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना को शुरू किया है। जल्द ही इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया को भी शुरू किया जाएगा। प्रदेश सरकार इस योजना के तहत जब आवेदन प्रक्रिया को शुरू करेगी तब हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी दे देंगे। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आवेदन प्रक्रिया से जुड़ी अपडेट प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख के साथ जुड़े रहे।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना को मिली मंजूरी लाभ व पात्रता जाने
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