101 | ‘अन्य सब दुर्ग नंगे …’ | रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर) के सात पहाड़ियों से घिरे होने के कारण अबुल फजल ने कहा “अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तर बंद है।“ |
102 | भवाई नृत्य के जन्मदाता | बाघा जी |
103 | प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार | जानकीलाल भांड (भीलवाड़ा), धनरूप भांड (जोधपुर) |
104 | पाटा संस्कृति | बीकानेर की देन |
105 | रस्मतें | रस्मतें मूल रूप से जैसलमेर की देन है। बीकानेर में भी प्रचलित। होली के समय रस्मत खेलने वालों को खेलार कहा जाता है। |
106 | तमाशा | जयपुर के बंशीधर भट्ट प्रवर्तक, मूलतः मध्यप्रदेश की कला |
107 | चारबैंत लोकगायन शैली | टोंक |
108 | कुचामणी ख्याल के प्रवर्तक | लच्छीराम |
109 | शेखावटी ख्याल के प्रवर्तक | नानूलाल गंधर्व |
110 | हेला ख्याल कहाँ | सवाई माधोपुर |
111 | कन्हैया ख्याल | भरतपुर |
112 | गुणी जन खाना | जयपुर के सवाई प्रतापसिंह के समय संगीत के 22 कलाकारों को गंधर्व बाईसी/गुणीजन खाना कहते थे। |
113 | गवरी नृत्य के अन्य नाम | राई नृत्य, राई पुरिया नृत्य |
114 | धनरूप भांड | मारवाड़ के राजा मानसिंह ने इसे जागीर प्रदान की। |
115 | टेरीकोटा | टेरीकोटा की मूर्तियाँ के लिए प्रसिद्ध स्थान मोलेला गाँव (राजसमन्द) है। मोहनलाल इसके प्रसिद्ध कलाकार है। |
116 | अजरख प्रिंटिंग | बाड़मेर |
117 | बगरू | बेल बूंटों की ठप्पा प्रिंटिंग के लिए प्रसिद्ध बगरू गाँव जयपुर में है। |
118 | सांगानेरी छीपे | नामदेवी छीपे कहलाते है |
119 | ब्ल्यू पॉटरी | जयपुर, कृपाल सिंह शेखावत व अनिल दोराया इसके प्रसिद्ध कलाकार है। यह कला मूलतः पर्शिया (ईरान) की देन है |
120 | ब्लैक पॉटरी | कोटा |
121 | कागजी | अलवर, पतले बर्तन बनाने की कला को |
122 | जस्मा ओडन | भवाई नृत्य पर आधारित शांता गाँधी का नाटक |
123 | राजस्थानी का उद्भव किस अपभ्रंश से | शौरसेनी अपभ्रंश से |
124 | देलवाड़ा के जैन मंदिर | माउन्ट आबू (सिरोही) |
125 | तीर्थों का मामा | पुष्कर (अजमेर) |
126 | तीर्थों का भांजा | मंचकुण्ड (धौलपुर) |
127 | बीकानेर में RTDC का होटल | ढोला-मारू |
128 | अजमेर में RTDC का होटल | खादिम, खिदमत |
129 | जयपुर में RTDC का होटल | गणगौर, स्वागतम, तीज |
130 | जोधपूर में RTDC का होटल | घूमर |
131 | सरिस्का (अलवर) में RTDC का होटल | टाइगर डेन |
132 | नाथद्वारा (राजसमन्द) में RTDC का होटल | गोकुल |
133 | जैसलमेर में RTDC का होटल | मूमल |
134 | पुष्कर में RTDC का होटल | सरोवर, पर्यटक ग्राम |
135 | रणकपुर (पाली) में RTDC का होटल | शिल्पी |
136 | रामगढ़ (जयपुर) में RTDC का होटल | झील ग्राम |
137 | उदयपुर में RTDC का होटल | कजरी |
138 | ऋषदेव (उदयपुर) में RTDC का होटल | गवरी |
139 | सिलीसेढ़ (अलवर) में RTDC का होटल | लेक पैलेस |
140 | भरतपुर में RTDC का होटल | सारस |
141 | माउन्ट आबू में RTDC का होटल | शिखर, पुरजन निवास |
142 | हल्दीघाटी (राजसमन्द) में RTDC का होटल | चेतक |
143 | चित्तोडगढ़ में RTDC का होटल | पन्ना |
144 | सवाई माधोपुर में RTDC का होटल | विनायक |
145 | फतेहपुर (सीकर) में RTDC का होटल | हवेली |
146 | पाली में RTDC का होटल | पणिहारी |
147 | झा
लावाड़ में RTDC का होटल | चन्द्रावती |
148 | बाड़मेर में RTDC का होटल | खड़ताल |
149 | नागौर में RTDC का होटल | कुरजां |
150 | चूरू में RTDC का होटल | चिरमी |
151 | प्रथम हेरिटेज होटल | अजित भवन (जोधपुर) |
152 | हॉर्स सफारी | पुष्कर (अजमेर), कार्तिक पूर्णिमा |
153 | ऊँट महोत्सव | बीकानेर, पौष पूर्णिमा |
154 | थार महोत्सव | बाड़मेर, मार्च |
155 | मरू महोत्सव | जैसलमेर, माघ पूर्णिमा |
156 | हाथी महोत्सव | जयपुर, फाल्गुन पूर्णिमा (होली) |
157 | गणगौर महोत्सव | जयपुर, उदयपुर, चैत्र शुक्ल तृतीया |
158 | मारवाड़ महोत्सव | |
159 | ग्रीष्म महोत्सव | माउन्ट आबू में 1 से 3 जून |
160 | बादशाह मेला | ब्यावर, धुलण्डी के दो दिन बाद |
161 | बादशाह की सवारी | कोटा, होली पर |
162 | गणेश चतुर्थी | भाद्रपद शुक्ल 4 |
163 | हरियाली अमावस्या | श्रावण अमावस्या |
164 | बच्छबारस | भाद्रपद कृष्णा 12 |
165 | जन्माष्टमी | भाद्रपद कृष्ण 8 |
166 | गुरु पूर्णिमा | आषाढ़ पूर्णिमा |
167 | शरद पूर्णिमा | आश्विन पूर्णिमा |
168 | अक्षय तृतीय | वैशाख शुक्ल 3 |
169 | हाड़ोती का सबसे बड़ा मेला | सिताबाड़ी मेला (बारां), सहरियों का कुंभ, ज्येष्ठ अमावस्या को |
170 | सिक्खों का सबसे बड़ा मेला | साहवा का मेला (चूरू)नोट : राजस्थान का सबसे बड़ा गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ (श्रीगंगानगर) |
171 | देव शयनी एकादशी | आषाढ़ शुक्ल 11 |
172 | देव उठनी एकादशी | कार्तिक शुक्ल 11 |
173 | बुद्ध पूर्णिमा | वैशाख पूर्णिमा |
174 | अनन्त चतुर्दशी | भाद्रपद शुक्ला 14 |
175 | ब्राह्मणी माता का मंदिर | बारां, पीठ की पूजा |
176 | जीणमाता का मंदिर | रेवासा धाम (सीकर) प्रतिदिन ढाई प्याले शराब पिलाने का रिवाज |
177 | मारवाड़ी व्याकरण के रचयिता | रामकरण आसोपा |
178 | “टाबराँ री बाताँ” के रचयिता | लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत |
179 | “रूठी रानी” के रचयिता | केसरीसिंह बारहठ |
180 | राजस्थानी शब्दकोष | सीताराम लालस |
181 | कान्हडदे प्रबंध | कवि पद्मनाथ |
182 | गंगा लहरी के रचयिता | पृथ्वीराज राठौड़ |
183 | सती रासौ के रचयिता | सूर्यमल्ल मिश्रण |
184 | खुमाण रासौ के रचयिता | दलपति विजय |
185 | विजयपाल रासौ के रचयिता | नल्लसिंह |
186 | हमीर रासौ के रचयिता | शारंगधर (जोधराज) |
187 | वीर विनोद के रचयिता | श्यामलदास |
188 | वैराग्य सागर के रचयिता | नागरीदास |
189 | हम्मीर महाकाव्य के रचयिता | नयचन्द्र सुरि |
190 | “सेनाणी”, “चंवरी” के रचयिता | मेघराज मुकुल |
191 | “कनक सुन्दर” के रचयिता | शिवचंद भरतिया |
192 | “हूँ गोरी किण पीव री” के रचयिता | यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’ |
193 | “ढोला मारू रा दूहा” के रचयिता | कवि कल्लोल |
194 | “बातां री फुलवारी” के रचयिता | विजयदान देथा |
195 | “राजिया रा सोरठा” के रचयिता | कृपाराम |
196 | “मैकती काया मुलकती धरती” के रचयिता | अन्नाराम सुदामा |
197 | “पगफैरों” “सुधि सपनों के तीर” के रचयिता | मणि मधुकर |
198 | “एक बीनणी दो बींद” के रचयिता | श्री लाल नथमल जोशी |
199 | “प्रबंध चिंत
ामणि” के रचयिता | मेरुतुंग (भौज परमार के राजकवि) |
200 | “सुर्जन चरित्र” के रचयिता | कवि चंद्रशेखर |
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