शिक्षा विभाग ने कार्मिकों के अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति के संबंध में जारी की नई नीति Education Department issued new policy regarding deputation of personnel in other departments
राजस्थान सरकार शिक्षा (ग्रुप-2) विभाग ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों/ कार्मिकों / शिक्षकों के अन्य विभागों / संस्थाओं / स्वायत्तशासी संस्थाओं / निगमों / बोर्डो / उपक्रमों / परियोजनाओं में प्रतिनियुक्ति के संबंध में नए नियम जारी कर दिए हैं, जो कि निम्नानुसार हैं –
शिक्षा विभाग के अधिकारी / शिक्षक / कार्मिक शिक्षा विभाग के अलावा अन्य राजकीय विभागों / संस्थाओं / स्वायत्तशासी संस्थाओं/निगमों / बोर्डो/ उपक्रमों / परियोजनाओं आदि में समय-समय पर प्रतिनियुक्ति पर स्वयं की इच्छा से अथवा उन विभागों की मांग पर जाते हैं अध्यापक अपने नियुक्ति वाले जिले से अन्य जिलों में तथा वरिष्ठ अध्यापक अपने संभाग से अन्य संभागों में भी प्रतिनियुक्ति पर जाते हैं। यह भी सर्व विदित है कि शिक्षा विभाग में भी सभी संवर्गों के कतिपय पद हमेशा खाली बने रहते हैं। उपरोक्त समग्र परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग के शिक्षकों / कार्मिकों / अधिकारियों के शिक्षा विभाग के बाहर अन्य विभागों / संस्थाओं / स्वायत्तशासी संस्थाओं/ निगमों/बोर्डों / उपक्रमों / परियोजनाओं आदि में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के संबंध में निम्नानुसार नीति निर्धारित की जाती है :
- अध्यापक लेवल-प्रथम / द्वितीय की प्रतिनियुक्ति उसी जिले में, वरिष्ठ अध्यापक की उसी संभाग में इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक, लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला सहायक आदि की प्रतिनियुक्ति उनके जिले में ही हो सकेगी।
- जो संवर्ग राज्य स्तर के हैं, उनकी प्रतिनियुक्ति पूरे राज्य में कहीं भी की जा सकेगी।
- सभी स्तर के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति सामान्यतया शैक्षणिक कार्यों के लिए ही की जा सकेगी।
- शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कार्यालयों आदि व गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं की जा सकेगी।
- अध्यापक / वरिष्ठ अध्यापक / मंत्रालयिक सेवा के कार्मिकों / पीटीआई / लाईब्रेरियन आदि किसी की भी प्रतिबंधित जिलों से गैर प्रतिबंधित जिलों में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
- राज्य सरकार के आदेश क्रमांक : प. 1 ( 124 ) ग्रा. वि. / अनु. 8 / नीति आयोग / 2017 दिनांक 11.10.2019 द्वारा नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा कुल पांच जिले आशान्वित (बारां, करौली, जैसलमेर, धौलपुर एवं सिरोही) निर्धारित किये गये हैं, के क्रम में उन जिलों से अन्य जिलों में किसी भी अधिकारी / शिक्षक / कार्मिक की प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
- परिवीक्षाकाल के दौरान प्रतिनियुक्ति पर पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा ।
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी परन्तु शहरी क्षेत्र से ग्रामीण क्षेत्र में तथा ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिनियुक्ति की जा सकेगी।
- जो अधिकारी / शिक्षक / कार्मिक शिक्षा विभाग के बाहर अन्य विभागों / संस्थाओं / स्वायत्तशासी संस्थाओं / निगमों / बोर्डों / उपक्रमों / परियोजनाओं आदि में
- अपने अब तक के सेवा काल में कुल 5 वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिये प्रतिनियुक्ति पर रह चुके हैं, उन्हें पुनः प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जायेगा ।
- शिक्षा विभाग के प्रत्येक स्तर के अधिकारी / शिक्षक / कार्मिक को शिक्षा विभाग के बाहर अन्य विभागों/ संस्थाओं/ स्वायत्तशासी संस्थाओं/ निगमों / बोर्डों / उपक्रमों / परियोजनाओं आदि में प्रतिनियुक्ति हेतु आवेदन करने से पहले सक्षम अधिकारी से अनापत्ति प्रमाण पत्र / अनुमति प्राप्त करनी होगी यदि बिना
- सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के आवेदन करता है तो उन्हें अन्य विभाग द्वारा चयन किये जाने के बावजूद भी प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेजा जायेगा।
- प्रधानाचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक व अध्यापक समकक्ष पद के कार्मिकों का विगत 5 वर्षों में से किसी एक वर्ष में भी परीक्षा परिणाम न्यून रहा हो तो प्रतिनियुक्ति नहीं की जा सकेगी।
- शिक्षा विभाग के समस्त अधिकारी / शिक्षक / कार्मिकों पर राजस्थान सेवा नियम 1951 के नियम 144 “क” के परन्तुक 4 में बिन्दु संख्या 2 प्रावधान लागू होगें ।
- प्रथमतः प्रतिनियुक्ति अवधि 1 वर्ष के लिए होगी, किन्तु प्रशासनिक विभाग के द्वारा लोकहित में प्रतिनियुक्ति अवधि को तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा। इसी में बिन्दु संख्या 3 के अंतर्गत अपवाद स्वरूप परिस्थिति में तीन वर्ष से अधिक की प्रतिनियुक्ति अवधि कार्मिक विभाग एवं वित्त विभाग की पूर्व सहमति से बढायी जा सकेगी, जिसके लिए प्रशासनिक विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्ति के कम से कम दो माह पूर्व पूर्ण औचित्य सहित प्रस्ताव भिजवाया जायेगा । अतः उपरोक्त नियमों के परिप्रेक्ष्य में एक निरन्तर समयावधि में प्रतिनियुक्ति अवधि अभिवृद्धि सहित कुल 04 वर्ष की ही अधिकतम होनी चाहिए ।
उक्त निर्देशों की सभी संबंधितों द्वारा कड़ाई से पालना की जाये । साथ ही शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों के अधिकारीगणों से आग्रह है कि शिक्षा विभाग के कार्मिकों/शिक्षकों/अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति हेतु आग्रह करने से पूर्व उपरोक्त बिन्दुओं का आवश्यक रूप से ध्यान रखा जाये । अति आवश्यक होने पर गुणावगुण के आधार पर case to case basis पर राज्य सरकार द्वारा उक्त शर्तों में शिथिलन दिया जा सकेगा।
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